अक्टूबर दिसम्बर 2020

Rajkumar Kumbhaj Poem

आप लड़की हैं भूल जाइए

राजकुमार कुम्भज आप लड़की हैं भूल जाइएभले ही कुछ देर के लिए ही सही भूल जाईएऔर अपने होने...

Story by Trepan Singh Chauhan

मेरा भी कोई होता

–त्रेपन सिंह चौहान आग जलाने के लिए चूल्हे में फूंक मार-मारकर सुशीला की आंखें लाल हो गई थीं।...

Article by Nirmala Bora

पुरानी और नई बातें

-निर्मला बोरा आज से 50-55 साल पहले की बात है। तब हम मुरादाबाद में रहते थे। गर्मी की...

Article by Rajendra Kandpal

इंसानियत से दूर

नई कलम राजेन्द्र काण्डपाल नई कलम के अन्तर्गत उन युवाओं की रचनाएं शामिल की जा रही हैं जो...

Article by Nirmla Dhaila

उत्तरा के बाबत

-निर्मला ढैला बोरा उत्तरा को तीस साल होने जा रहे हैं। इतना समय बहुत होता है, किसी पत्रिका...

Article by Mahesh Chandra Punetha

उत्तरा और मैं

-महेश चन्द्र पुनेठा पिछले लगभग 27 साल से मैं ‘उत्तरा’ से  जुड़ा हूँ । पत्रिका से पहले-पहल मेरा...