कविताएँ- जसिन्ता केरकेट्टा
भूख का आग बनना भूख जब आग बन रही होतब डिग्रियाँ चुपचाप उठकरउस आग की ओर चल देती...
भूख का आग बनना भूख जब आग बन रही होतब डिग्रियाँ चुपचाप उठकरउस आग की ओर चल देती...
अमिता प्रकाश शाम गहरा रही थी। क्षितिज पर घिर आए बादलों की वजह से शाम के घिरने और...
कमल जोशी की कविताएं उम्मीद 1. सूरज दिखा रहा रास्तादे रहा पहाड़ को चुनौतीघाटियों से आ रही आवाजेंबुला...
देवीधुर (देवी का वन) गिरि आधार पर देवी थानसिर नवा, वह चढ़ गई सीधी चढ़ाईऊपर बहुत ऊपर एक...
रेखा चमोली दिनांक 5-8-11 आज कविता पर काम करना था। मैंने पिछले दिनों कक्षा में कहानी और कविता...
कैथरीन फार्वेस जब भी मेरी कहानी किसी पत्रिका में प्रकाशित होती है और उसका पारिश्रमिक आता है, मैं...
महादेवी वर्मा बादामी रंग के पुराने कागज के टुकड़े पर लिखी हुई रसीद उंगलियों में थामे हुए, जब...
लड़कियाँअक्षय जैन खट्टा-मीठा जामुन थींलड़कियाँनहाने का साबुन थींलड़कियाँ च्यवनप्राश थींमूर्ख कवियों के लिएनीला आकाश थींमोनालिसा की मुस्कान थींफौज...
मधु जोशी कैप्टेन पी़ वेंकट राम से मेरी जान-पहचान बहुत पुरानी नहीं है। हाँ, अक्सर मैं उनको और...
भास्कर उप्रेती लंदन स्थित आर्केडियन लाइब्रेरी ने ऐसी यूरोपीय महिला यात्रियों के यात्रा-साहित्य का अनूठा संग्रह तैयार किया...
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