संस्कृति

गाय रो रही है : संस्कृति

दिवा भट्ट एक गाय रो रही है,रह-रह कर बिसूर रही है,रस्ते-रस्ते डोल रही है,इधर-उधर दौड़ रही है,खेत-खलिहान फाँद...

पानी

अतुल शर्मा पर बहता हुआ पानीछोटे-बड़े स्रोतों का पानीपानी पर सियासतें करते लोगों परतरस खाता हैमुस्कराता हुआ पानी           ...

संस्कृति: सब कुछ!

सरोजिनी नौटियाल दामिनी!तुम चली गई, पर,महसूस होती होभोर की सुगंध मेंसूरज की किरन मेंजल की तरंग मेंसुमन के...