हमारी दुनिया

सीता और राधा की धरती सूनी हो रही कन्याओं से

स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से देश के नौ पिछड़े राज्यों में पहली बार जिला स्तर पर किये गये वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में लड़कियों को लेकर समाज का दुराग्रह खुलकर सामने आ गया है। सीतामढ़ी में हजार लड़कों के मुकाबले महज 869 लड़कियाँ पैदा होने दी जा रही हैं जबकि यह संख्या कम से कम 950 होनी चाहिये। यानी वहाँ गर्भ में पल रही लड़कियों में से 81 को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है। उत्तर प्रदेश में इस लिहाज से सबसे बुरी स्थिति मथुरा की पाई गई जहाँ प्रति हजार लड़कों में केवल 790 लड़कियाँ जन्म ले रही हैं जबकि आगरा में प्रति हजार में केवल 792 लड़कियों के जन्म लेने से वह दूसरे नंबर पर है। संयुक्त राष्ट्र कोष (यू एन एफ पीए) की भारत प्रतिनिधि फे्रडरिका मेजर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखण्ड एवं झारखण्ड के आँकड़ों को बहुत चिन्ताजक बताती हैं। उनके अनुसार दहेज प्रथा के कारण लड़कों को दी जाने वाली तवज्जो की वजह से जन्म के समय लिंगानुपात इतना कम है।

यहाँ पुरुषों का प्रवेश मना है

युद्ध की विभीषिका झेल रहे अफगानिस्तान में पहली बार विशेष रूप से महिलाओं के लिये साइबर कैफे खोला गया है। इसमें पुरुषों का प्रवेश र्विजत है। अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के लिये काम करने वाली गैर लाभकारी संस्था ‘यंग वूमेन फॉर चेंज’ (वाई डब्ल्यू सी) ने इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इसे काबुल में प्रारम्भ किया है। इस कैफे का नाम एक पन्द्रह वर्षीय किशोरी सहर गुल के नाम  पर रखा गया है। वेश्यावृत्ति से इनकार करने पर गुल के ससुराल वालों ने उसे पिछले वर्ष पाँच महीनों तक घर के तहखाने में बंधक बना कर रखा था और उसे अमानवीय यातनाएँ दी थी। गर्म सलाखों से भी उसे दागा गया था। गुल के मामले ने न सिर्फ अफगानिस्तान को दहला कर रख दिया वरन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचा। वाई डब्ल्यू सी के सदस्यों के मुताबिक अफगानिस्तान में बहुत कम महिलाओं की कम्प्यूटर तक पहुँच है। संस्था का मानना है कि इस साइबर कैफे से देश की महिलाओं की स्थिति में सुधार आयेगा।

बेटी बचाने को खड़ी हुई सवा सौ खापें

खाप महापंचायत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुये कन्या भ्रूण हत्या पर अपने स्तर से रोक लगाने का ऐलान किया तथा सरकार से माँग की कि वह भू्रण हत्या करने वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम करने का प्रावधान करे। हरियाणा में जींद के बीबीपुर गाँव में आयोजित इस महापंचायत में दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सवा सौ खापों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाके कन्या भ्रूण हत्या के लिये अरसे से बदनाम रहे हैं। खाप पंचायतों ने उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुई पंचायत में महिलाओं के हितों पर कुठाराघात करने वाले प्रस्तावों को निरस्त करते हुये महिलाओं के पक्ष में फैसला देकर नजीर स्थापित की। बड़ी संख्या में महिलाओं की शिरकत वाली इस महापंचायत में कन्या भू्रण हत्या की कुरीति पर खुलकर विचार रखे गये।

महिलाओं की मदद करेगा देशव्यापी हेल्पलाइन नम्बर

महिलाओं को सुरक्षा देने के लिये देश में पहली बार चार अंक वाले विशेष हेल्प लाइन की शुरूआत करने की योजना है। इस हेल्प लाइन पर महिलाएँ घरेलू हिंसा, शारीरिक एवं मानसिक शोषण, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, कानूनी सलाह समेत तमाम समस्याएँ एवं शिकायतें दर्ज करा सकती हैं। उन्हें इस नम्बर के जरिये समाधान भी मिल सकेगा। महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित वर्किंग ग्रुप की इस सिफारिश को योजना आयोग ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि देश के प्रत्येक राज्य में टॉल फ्री राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर काम करेगा।

शाबास एकता

अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) नगर की महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट को सितम्बर माह में श्रीलंका में होने वाले टी-20 वल्र्ड कप के लिये भारतीय टीम में शामिल किया गया है। उत्तराखण्ड महिला क्रिकेट टीम नहीं बन पाने से उसने उत्तर प्रदेश की टीम से खेलना शुरू किया। पहली बार वह जुलाई 2011 में भारतीय टीम में शामिल हुई। इसी वर्ष जुलाई में इंग्लैण्ड में चार देशों की एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उसने न्यूजीलैण्ड के खिलाफ दस ओवर में पन्द्रह रन देकर तीन विकेट लिये। इस मैच में वह ‘वुमेन ऑफ द मैच’ चुनी गईं। इसके बाद वह वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम में चुनी गई। अब वह टी-20 मैच के लिये श्रीलंका जायेगी।

महिलाओं की खरीद फरोख्त पर विधि आयोग गंभीर

उत्तराखण्ड राज्य विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं की अस्मिता और लज्जा पर प्रहार तथा उन्हें बहला-फुसला कर अनैतिकता की ओर धकेलने के खतरों के बारे में आगाह किया है। रिपोर्ट में पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं की अस्मिता और लज्जा से सम्बन्धित कानूनों को संशोधित करने की सिफारिश की गई है। आयोग ने महिलाओं को बेचने एवं खरीदने की कोशिशों पर सख्ती से रोक लगाने के लिये नये कानून सुझाये हैं। 31 मार्च 2011 को गठित राज्य विधि आयोग ने उत्तराखण्ड की जरूरत के मुताबिक 15 विधियों को निरस्त करने का सुझाव दिया है। राज्य की ओर से आयोग की इन सिफारिशों को केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा।
Hamari Duniya

अफ्रीकी संघ की महिला मुखिया

अफ्रीकी संघ के सर्वोच्च पद पर पहुँचकर कोसाजेना लोमिनी जुमा ने वहाँ एक इतिहास रच दिया है। लेमिनी अफ्रीकी संघ की पहली महिला मुखिया बनी हैं, जो कि एक मजबूत राजनीतिक शख्सियत हैं। उनका राजनीतिक जीवन रंगभेद विरोधी आन्दोलन से शुरू हुआ और वे दक्षिण अफ्रीका की गृहमंत्री बनीं। नेल्सन मंडेला के राष्ट्रपति कार्यकाल से लेकर अब तक सभी सरकारों में वे कैबिनेट मंत्री रही हैं। वे छात्र जीवन से ही आन्दोलनों में भागीदार रहीं। 1970 के दशक में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की सदस्यता ली। रंगभेद विरोधी आन्दोलन के कारण उन्हें भागकर ब्रिटेन में शरण लेनी पड़ी और वहाँ डाक्टरी की पढ़ाई की व स्विटजरलैण्ड के एक अस्पताल में नियुक्त हुई। नेल्सन मंडेला के कार्यकाल में देश की स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक कराने के लिए लेमिनी को स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्हें इसमें सफलता भी मिली परन्तु विवादों का भी सामना करना पड़ा। एड्स जागरूकता को लेकर शुरू हुए कार्यक्रम साराफिना द्वितीय में आवंटन बढ़ाने को लेकर वह विपक्ष के निशाने पर रहीं, वहीं एड्स रोधी सस्ती दवा वीरोडिन का समर्थन करने के कारण भी वह वैज्ञानिक समुदाय के निशाने पर रहीं। अब वे उसी देश के सर्वोच्च पद पर पहुँची है व अध्यक्ष के रूप में लेमिनी को अफ्रीकी देशों में आधारभूत संरचना के विकास और मानव संसाधन को बेहतर बनाने जैसी चुनौतियों से जूझना है।

बेरोजगार व्यक्ति को भी देना होगा पत्नी को गुजारा भत्ता

एक मुकदमे में न्यायालय ने एक पुरुष का यह तर्क खारिज कर दिया कि वह बेरोजगार है इसलिये अपनी विरक्त पत्नी को गुजारा भत्ता देने में असमर्थ है। न्यायालय ने कहा कि ”बेरोजगारी का बहाना बनाकर पत्नी और बच्चे को गुजारा देने से बचने का प्रयत्न करना एक आम प्रवृत्ति बन गई है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसी परिस्थितियों में न्यायालय को अनुमान लगाना पड़ता है।” यह कहते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उस व्यक्ति को आदेश दिया कि वह अपनी पत्नी को चार हजार रुपये मासिक गुजारा दे क्योंकि पुत्री भी पत्नी के पास है और पत्नी की कोई आमदनी नहीं है।

लड़कियाँ भी पारिवारिक पेंशन की हकदार

राजस्थान में राज्य कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसले के अन्तर्गत राजस्थान लोक प्रशासन (पेंशन) एक्ट 1996 में थोड़ा सुधार करते हुए सरकारी कर्मचारियों की अविवाहित लड़कियों को पारिवारिक पेंशन में शामिल किया है। यदि लड़की 25 साल से भी बड़ी है, तब भी वह इसकी हकदार होगी। साथ ही इस मसौदे के तहत सरकारी कर्मचारी के वे पुत्र-पुत्रियाँ भी पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे जो शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और स्वयं आजीविका प्राप्त करने में असमर्थ हैं। ऐसे मामले में उनकी पेंशन 2,550 से बढ़ाकर रुपये 6,000 की गयी है।
Hamari Duniya

प्रस्तुति: कमल नेगी, पुष्पा गैड़ा

उत्तरा के फेसबुक पेज को लाइक करें : Uttara Mahila Patrika
पत्रिका की आर्थिक सहायता के लिये : यहाँ क्लिक करें