कैसे रुकेगा इन रजनियों का शोषण

जगमोहन रौतेला

राज्य बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि महिला सशक्तीकरण के चलते यहाँ की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा किन्तु हालात जस के तस बने हुए हैं।

एक ताजा मामला उत्तरकाशी जिले के नौगाँव का सामने आया है। इस गाँव की रजनी को लगभग चार साल पहले ब्याह कर करनाल (हरियाणा) ले जाया गया। कुछ समय तक तो रजनी के करनाल निवासी ससुरालियों ने भरपूर मान-सम्मान दिया। पति भी उससे प्यार करता था। इस बीच रजनी के दो बच्चे हो गए। फिर अचानक न जाने क्यों रजनी से परिवार वालों का मन भर गया और रजनी से ससुराल वाले आए दिन मारपीट करने लगे। 5 अप्रैल 2011 का दिन रजनी के जीवन में तूफान लेकर आया, जब उसके ससुरालियों ने रात के अंधेरे में उसे मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया। अपने सात माह के मासूम बच्चे के साथ रहनी ने काली अंधेरी रात खुले आसमान के नीचे बिताई। दो साल के बड़े लड़के को ससुरालियों ने अपने ही पास रख लिया। अपने साथ हुए अन्याय की शिकायत रजनी ने करनाल के जिला लघु सचिवालय के अधिकारियों से की जिन्होंने जिला महिला संरक्षण अधिकारी सविता राणा के पास भेजा, जिन्होंने रजनी को सुरक्षा के लिहाज से एम.डी.डी. अनाथ आश्रम में भेज दिया और उसके ससुरालियों को सम्मन जारी किया।

करनाल के शिव कालोनी निवासी सत्यपाल सिंह ने अपने पुत्र पवन कुमार का विवाह चार साल पहले रजनी से किया था। ससुराल में कुछ दिन इज्जत के बाद जब रजनी से मारपीट होने लगी तो एक दिन गुस्से में उसके ससुर सतपाल सिंह  ने उसे एक ऐसी कड़वी सच्चाई से अवगत कराया जिसे सुनकर रजनी के पैरों तले जमीन खिसक गई। रजनी के ससुर ने बताया कि उसे ब्याह कर नहीं बल्कि बीस हजार रुपये में उसके माँ-बाप से खरीदकर लाया गया था।

रजनी को अपने ससुर की बातों पर यकीन नहीं हुआ। जब उसने अपने पति पवन कुमार से सच्चाई जाननी चाही तो अपने पिता की बात के विपरीत पवन ने कहा कि उसे ब्याह कर ही लाया गया है। लेकिन जिस तरह रजनी को अकारण घर से मारपीट कर निकाल दिया गया, उससे इस बात को बल मिलता है कि रजनी को खरीद कर ही ले जाया गया था। यह एक कटु सत्य है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नवजात लड़कियों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। इसका एक बड़ा कारण और शर्मनाक कारण कन्या भू्रण हत्या भी है। लड़कियों को जन्म देने से रोकने वाला यहाँ का समाज अपने परिवार के तथाकथित वंश को चलाने के लिए उत्तराखण्ड, पश्चिमी बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और बिहार से गरीब परिवारों की गरीब लड़कियों को कथित शादी करके ले जाता है। इन लड़कियों से शादी करने के एवज में वह लड़की के माँ-बाप और बातचीत करवाने वाले परिवार के नजदीकी लोगों को पैसा भी देता है ताकि भविष्य में कोई कानूनी अड़चन आने पर वह अपना मुँह बंद रखे।

अपना कथित वंश चलाने के लिए तथाकथित शादी करके लाई जाने वाली लड़कियों में से अधिकांश को लड़के के पैदा और उसके कुछ बड़ा होने पर रजनी की तरह ही ठोकर खाने को घर से बाहर कर दिया जाता है। ये लड़कियाँ र्आिथक तंगी और अपने मायके के रास्तों के बारे में अनजान होने से मायके भी नहीं लौट पातीं। कुछ मायके लौट भी गई तो गरीब माँ-बाप उसके कथित ससुरालियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं कर पाते। लड़कियों को कथित ब्याह के लिए खरीदने में मदद करने वाले कई गिरोह भी सक्रिय हैं। ऐसे ही कुछ गिरोहों के लोगों को पिछले दिनों टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा और चम्पावत में पकड़ा भी जा चुका है। लेकिन रजनी जैसे शर्मनाक घटनाक्रम रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
How will the exploitation of these women be stopped?

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