तुम तो बस तुम हो

Poem by Prinsha
-प्रिंशा सिंह

किसी और के लिए नहीं
खुद के लिए जीना सीखो

प्यार पाने के लिए मत जियो
खुद को प्यार करना सीखो

किसी को तुम्हें अपनाने के लिए मत
रुको
खुद को अपनाना सीखो

इज्जत के लिए दरवाजे मत खटखटाओ
खुद को इज्जत देना सीखो

तुम तो बस तुम हो
तुम ही रहना सीखो

किसी और की नहीं, खुद के भरोसे की
जरूरत है तुम्हें
खुद पर भरोसा रखना सीखो

अपनी गलती की माफी मत ढूंढो
खुद को माफ करना सीखो

दुआओं की आस में मत बैठो
खुद की दुआओं पर जीना सीखो

तुम तो बस तुम हो
तुम ही रहना सीखो

किसी और की आवाज के सहारे मत जियो
खुद की आवाज बनना सीखो

तुम्हें किसी के कंधे के सहारे की
जरूरत नहीं
खुद के पैरों पर चलना सीखो तुम तो बस तुम हो
तुम्ही रहना सीखो