हमारी दुनिया

Hamari Duniya Uttara Mahila Patrika

बदलाव का नेतृत्व : सना मरीन

2020 का वर्ष दुनियाभर के देशों के लिए अशान्त वर्ष रहा। इस मुश्किल के दौर में भी कई देशों ने अपनी हिम्मत व समझदारी से बेहतर माहौल तैयार किया। इन्हीं में से एक है, फिनलैण्ड की प्रधानमंत्री सना मरीन। जो अपने देश में इस मुश्किल समय में बदलाव का नेतृत्व कर हालातों को बेहतर बना रही हैं। बीबीसी ने उन्हें साल 2020 की सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं के रूप में स्थान दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड 19 को महामारी घोषित करने से पहले ही वायरस के आने पर सना मरीन की कैबिनेट तैयार हो गई थी। लैबरोटेरीज, डाक्टर्स और क्लीनिक के बीच सामंजस्य बनाने को लेकर नियमित ऑनलाइन बैठकें कीं। उनके साथ शीर्ष कैबीनेट सहयोगी हर हफ्ते कोरोना वायरस को लेकर मीडिया और आम जनता को जानकारी देती व आम जनता व बच्चों को सवालों के जवाब देने की भी व्यवस्था की। ताइवान, जर्मनी और न्यूजीलैण्ड ने उनके काम की तारीफ की और एक सवाल पर भी विचार करने का मौका दिया कि  क्या संकट के समय महिला नेता स्थिति को बेहतर सम्भालती हैं प्रधानमंत्री सना मरीन कहती हैं कि मरीन सरकार समानता योजना है। जिसमें माता-पिता को देखभाल की जिम्मेदारी समान रूप से सम्भालने के लिए प्रोत्साहन, घरेलू हिंसा पर नकेल कसने, वेतन में लैंगिक असमानता खत्म करने और गरीब प्रवासी परिवारों से आने वाले बच्चों की शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए सुधार सम्बन्धी नीतियां शामिल हैं।
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ऑल इंडिया टेनिस बॉल क्रिकेट में मीनाक्षी

लालकुंआ नैनीताल के पदमपुर देवलिया की निवासी मीनाक्षी कबडवाल का चयन ऑल इंडिया टेनिस बॉल क्रिकेट टीम के लिए हुआ है। गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार में कई राज्यों से आये खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता का आयोजन सीवीसीएफआई की ओर से किया गया था। जिसमें मीनाक्षी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनायी।  वह नेपाल, श्रीलंका और मलेशिया में होने वाले टूर्नामेंट में भारतीय टीम का हिस्सा बनेगी। 23 वर्षीय मीनाक्षी बीए तृतीय वर्ष की छात्रा है।

बस्तर में महिलाएं बदल रही तस्वीर

दंतेवाड़ा की महिलाओं ने बस्तर के मशहूर महुआ के फूल को नई पहचान दिलाई है। महुआ का फूल जहां शराब उत्पादन के लिए जाना जाता था वहीं अब महुआ के फूल से स्वादिष्ट हलुआ, चंस, कुकीज, जैम, जैली, गुड़ मसाला, काजू मसाला, महुआ काड़ा, इमली सॉस बन रहा है। दंतेवाड़ा की संगवारी समूह की करीब तीस महिलाओं के समूह ने महुआ प्रोसेसिंग हब बनाया है। जिसमें उन्होंने महुआ के फूलों से कई उत्पाद बनाये हैं जो लोगों को रोजगार के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य में भी बढ़ोत्तरी कर रहे हैं। देशभर में इन उत्पादों की सप्लाई भी जल्द की जायेगी। जिला प्रशासन दंतेवाड़ा भी इनकी मदद के लिए आगे आया है। प्रशासन संगवारी समूह के उत्पादों को कपड़ों के ब्राण्ड डेनेक्स के नाम से प्रमोट करेगा। वन विभाग की ओर से भी महिलाओं के कार्य को प्रोत्साहित करते हुए महुआ प्रोसेसिंग हब को फारिस्ट विभाग में जगह दिलाई है। महुआ प्रोसेसिंग हब से यहां सौ महिलाओं को रोजगार देने की तैयारी है। महिलाओं के उत्पादनों को काफी पसंद किया जा रहा है। हफ्तेभर में 1.5 रुपये का कारोबार संगवारी ने किया है। इस संस्था से जुड़ी महिलाओं को उम्मीद है कि वे इस रोजगार के जरिये अपने बच्चों की पढ़ाई व इलाज कर पायेंगी। संगवारी की महिलाएं बस्तर की तस्वीर बदल रही हैं।
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सबसे युवा मेयर

केरल में सम्पन्न हुए निकाय चुनाव में माकपा की आर्या राजेन्द्रम ने 2872 मतों से विजय पाकर सबसे कम उम्र की मेयर बनने का गौरव हासिल किया। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की 21 वर्षीय आर्या राजेन्द्रन बी.एस-सी. गणित द्वितीय वर्ष की छात्रा है, जो पहली बार पार्षद बनी हैं। उनके मेयर बनने पर उम्मीद जागी है कि शिक्षित युवा महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में आयेंगी।

रूढियों का अभिशाप

22 वीं सदी में जहां चांद-तारों से भी परदा हटा दिया गया है वहीं एक प्रदेश ऐसा भी है जहां महिलाएं पति की मौत के बाद 6 महीने तक एक कोने में वैधव्य का श्राप झेलती हैं और अपने पूरे शरीर को ढककर बैठी रहती हैं। राजस्थान के सिरोही और जालोर जिलों में यह प्रथा महिलाओं के लिए एक श्राप है। इस प्रथा में पति की मौत के बाद पत्नी को घर के एक कोने पर अपने हाथ-पैर पूरी तरह ढककर रखना होता है और किसी भी पुरुष की छाया उस पर नहीं पड़नी चाहिए। सूरज उगने से पहले अपने सारे काम निबटाकर फिर से एक कोन में रहना होता है। चाहे कैसी भी स्थिति हो जाय। 6 महीने से पहले उस कोने को नहीं छोड़ सकती है। विधवा महिला 6 महीने बाद एक बार मायके जाकर आयेगी तब यह प्रथा पूरी होगी परन्तु जिन्दगीभर एक ही रंग (चटख लाल) के कपड़े पहनने होंगे। उम्र के साथ-साथ बंदिशें तो हो जाती हैं पर खत्म नहीं होतीं।

व्हाइट हाउस में महिलाओं का दबदबा

दुनिया के सबसे ताकतवर लोकतंत्र के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन में कई अहम पदों पर महिलाओं की नियुक्ति हुई है। इसमेें पहला नाम कमला हैरिस का है जिन्होंने उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार सम्भाला है। नीरा टण्डन व्हाइट हाउस कार्यालय के प्रबन्धन एवं बजट के निदेश के तौर पर नियुक्त हुई हैं। पहली बार दो कश्मीरी मूल की महिलाओं को प्रशासन ने नियुक्त किया है, जिसमें आयशा शाह को व्हाइट हाउस कार्यालय में डिजिटल रणनीति की पार्टनशिप मैनेजर और समीरा पाजली को अमेरिकी राष्ट्रीय र्आिथक परिषद् की उपनिदेशक नामित किया गया है। आर्थिक परिषद् राष्ट्रपति को आर्थिक नीति सलाह प्रदान करती है। विदेश सेवा की पूर्व अधिकारी उजरा जेया को असैन्य सुरक्षा, लोकतंत्र एवं मानवाधिकार के लिए अवर विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। माला अडिगा को प्रथम महिला डॉक्टर जिन बाइडेन की नीति निदेशक बनाया गया है। वहीं सबरीना सिंह को डाक्टर जिलबाइडेन की उप प्रेस मंत्री बनाया गया है। व्हाइट हाउस में 13 महिलाओं को अहम पदों पर नियुक्ति मिलना महिला सशक्तीकरण के उजले पक्ष को दर्शाता है।

साहसिक पर्यटन में महिलायें

उत्तराखण्ड की बेटियों को साहसिक रोजगार से जोड़ने के लिए 20 से 27 मार्च 2021 के बीच विशेष ट्रैकिंग गाइड का प्रशिक्षण ऊखीमठ ब्लॉक के फांफजा गांव में कुक हाइट्स संस्था द्वारा केदारघाटी, मदमहेश्वर घाटी, तुंगनाथ व कालीमठ घाटी के 50 युवाओं के साथ 30 युवतियों को दिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान एक कुशल गाइड को देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों से कैसे बातचीत करें, साथ ही ट्रैकिंग के भौगोलिक परिवेश, ट्रैकिंग रूट, बुग्याल व एडवेंचर के साथ लोक संस्कृति, रीति-रिवाज, भोजन, वेशभूषा के बारे में लोगों को कैसे जानकारी दें आदि बातों के बारे में बताया जायेगा। इसके साथ ही रेर्पंलग, क्लाइपिंग, जुमरिंग, माउंट ट्रैकिंग, कैंपिंग, फस्र्ट एड की ट्रेनिंग व ट्रैकिंग रूटों पर स्वयं को कैसे फिट रखना है आदि महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस प्रशिक्षण के बाद युवतियां भी साहसिक पर्यटन रोजगार से जुड़ पायेंगी।
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कोर्ट मैरिज : कैसे नोटिस बोर्ड पर नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि जो लोग स्पेशल मैरिज कोर्ट में शादी करना चाहते हैं बिना उनकी इजाजत के उनके फोटो नोटिस बोर्ड पर नहीं लगायी जायेगी। नोटिस बोर्ड पर शादी के लिए आवेदन करने वालों की फोटो और पते को चसपाना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। यह फैसला अदालत ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Act) के तहत सुनवाई करते हुए दिया जिसमें एक मुस्लिम लड़की ने हिन्दू बनकर अपने हिन्दू दोस्त से शादी कर ली थी परन्तु उसके पिता उसे पति के साथ जाने से रोक रहे थे जबकि दोनों बालिग हैं। स्पेशल मैरिज एक्ट के अन्तर्गत शादी क्यों नहीं करने कि कोर्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट निजता के अधिकार का उल्लंघन है। शादी निजी फैसला है। वे इसमें किसी का भी हस्तक्षेप नहीं चाहते थे। स्पेशल मैरिज एक्ट में आवेदन देने पर एक महीने तक लड़के और लड़की की फोटो एक नोटिस के साथ मैरिज ऑफीसर के दफ्तर के नोटिस बोर्ड पर लगा दी जाती है। नोटिस में लड़के लड़की के पूरे पते का प्रचार किया जाता है और यह लिखा होता है कि अगर इनकी शादी से किसी को ऐतराज हो तो वह एक महीने के अन्दर मैरिज अफसर से सम्पर्क करें। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद इस तरह की शादी करने वाले जोड़े अर्जी देते ही शादी का र्सिटफिकेट दे दिया जायेगा।

सरकार का संवैधानिक फरमान

मध्य प्रदेश सरकार का सरफिरा फरमान आया है जो कि निंदनीय है। मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि जो महिलाएं घर से बाहर काम करने या अन्य किसी काम से जायेंगी उन्हें स्थानीय थाने में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। इस प्रकार से सरकार महिलाओं की सुरक्षा के बहाने उनकी स्वतंत्रता पर लगाम कसना चाहती है। इस फरमान से महिला कहां जाती है, किससे मिलती है और कितनी देर रहती है आदि सारी जानकारी सरकार के पास रहेगी जो कि संवैधानिक रूप गलत व निंदनीय है। महिलाओं की स्वतंत्रता पर पुरुषवादी सोच से कभी परिवार, कभी जाति, कभी समाज की पाबंदियां तो लगती रही थी परन्तु अब सरकार का यह रवैया उनकी स्वतंत्रता का हनन है। मध्यप्रदेश सरकार के इस फरमान का महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है। सरकार को चाहिए कि वह महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था करें न कि उनके आने-जाने की निगरानी करे।
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प्रस्तुति : पुष्पा गैड़ा

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