हमारी दुनियां

सर्वश्रेष्ठ निर्देशक जूही

डॉक्यूमैन्ट्री फिल्म ‘वैल डन’ के लिए पिथौरागढ़ की जूही को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। यह डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म दिल्ली की निजामुद्दीन बस्ती में रहने वाली मुस्लिम महिलाओं के जीवन पर आधारित है। डाक्यूमेन्ट्री वर्ग में लगभग 160 फिल्मों में से उनकी फिल्म ‘वैल डन’ को सर्वश्रेष्ठ निर्देशन की श्रेणी में पुरस्कार मिला। मूलरूप से पिथौरागढ़ की रहने वाली जूही भट्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया से जन संचार में डिग्री ली है। उनको निर्देशन का शौक हमेशा से ही रहा है जिस कारण वे ‘वैल डन’ जैसी विषय आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण कर सकीं। उन्होंने इससे पहले मुम्बई में लम्बे समय तक विज्ञापन और डॉक्यूमेंट्री पर काम किया। डॉक्यूमेंट्री में फिल्म बनाने की प्रेरणा उन्हें अखबार में प्रकाशित एक लेख से मिली। जूही की इस फिल्म को पहले भी कराची में पहला पुरस्कार मिला था। मौका मिलने पर जूही अपने प्रदेश के लिए भी काम करना चाहती हैं।

अपमानजनक शब्दों पर सजा

महिलाओं व बच्चों के साथ बढ़ती हिंसा के मामले को ध्यान में रखकर सरकार अशिष्ट व अपमानजनक शब्दों की एक सूची तैयार करने की पहल कर रही है। खासतौर पर साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है, जिससे महिलाओं व बच्चों से सम्बन्धित अशिष्ट शब्दों को ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित किया जा सके। इस क्रम में सरकार ने पहले ही बच्चों के लिए डॉग, स्टुपिड और महिलाओं के लिए रेप जैसे शब्दों को ऑनलाइन व सोशल मीडिया पर अस्वीकार्य करार दिया है। कलात्मक फोटो के नाम पर नंगा बच्चा जैसे शीर्षक भी प्रतिबंधित किए हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ऑनलाइन पोर्नो ग्राफी सामग्री को हटाने पर भी काम कर रहा है साथ ही पोर्नोग्राफी की नई परिभाषा भी बना रहा है। फेसबुक व टिवट्र पर भी नजर रखी जा रही है।

महिला कुली को सम्मान

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाली मंजू देवी जयपुर रेलवे स्टेशन की पहली महिला कुली है। पति की मृत्यु के बाद जहाँ महिलाओं को बेसहारा मान लिया जाता है, वहीं मंजू देवी ने पति की मृत्यु के बाद पति के ही बिल्ला नम्बर के साथ इस पेशे को भी अपनाया। वे अन्य पुरुष सहर्किमयों की ही तरह सभी कामों को करती हैं। उन्होंने साबित कर दिखाया कि महिलाएँ किसी भी काम में पीछे नहीं हैं। 20 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उन्हें उनके कार्य के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया।
(Hamari Duniya Uttara Mahila Patrika)

मारिया संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष

इक्वाडोर की राजनेता मारिया फर्नाडा इस्पिनोसा को संयुक्त राष्ट्र महासभा का अध्यक्ष चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 साल के इतिहास में विश्व निकाय की अगुवाई करने वाली वह चौथी महिला हैं।

नाबालिग की सहमति होने पर भी अपराध

बच्चों के साथ बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए गुजरात हाईकोर्ट ने सम्बन्धित कानून पोक्सो एक्ट से जुड़े मामले में एक और संशोधन करते हुए फैसला किया है कि यदि किसी नाबालिग के साथ आरोपी सहमति से भी सम्बन्ध बनाता है तो इसे अपराध माना जायेगा। इसके लिए पोक्सो कानून में 10 साल की न्यूनतम सजा प्रस्तावित की गयी है। साथ ही सरकार को इस कानून के बारे में सही व पूर्ण जानकारी जनता में विभिन्न माध्यमों जैसे रेडियो, टेलिविजन, पर्चों और अन्य माध्यमों से प्रसारित करने के भी आदेश दिए हैं जिससे लोग इस अपराध की ओर प्रवृत्त होने से पहले सोचें व अपराधी होने से बचें।

सामाजिक रूढ़ियाँ तोड़ता सरगम बैण्ड

अपनी खुद की एक खास पहचान बनाता हुआ व रूढ़ियों को तोड़ता ‘सरगम बैण्ड’ 10 महिलाओं का एक समूह है। बिहार के एक छोटे से गाँव की रविदास समुदाय की दलित महिलाओं के इस समूह ने एक संगीत बैण्ड बनाया है। यह बैण्ड शादी व अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाता है। महिला कृषक श्रमिकों के सामाजिक और र्आिथक उत्थान के लिए सोचते हुए ‘नारी गूँज’ नामक गैर सरकारी संस्था की संचालक सुधा वर्गीज ने इस समूह की अगुवाई की और पटना के धिनरी गाँव की महिलाओं के साथ अपने विचार साझा किए जिसे महिलाओं ने न केवल सहर्ष स्वीकार किया बल्कि इस क्षेत्र में पुरुषों का काम माने जाने वाले बैण्ड को स्थापित भी किया। इस क्षेत्र में इससे पहले किसी ने भी महिला बैण्ड के बारे में नहीं सुना था। इस समूह की महिलाओं की उम्र औसतन 30 साल है और अब ये ‘सरगम बैण्ड’ की सफलता से उत्साहित होकर दूसरे अन्य प्रयोगों के लिए भी तैयार हैं।
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अभिशाप के खिलाफ

महिलाओं के लिए अभिशाप बन चुका हलाला के खिलाफ महिलाओं की पहल से यह 24 इस्लामिक देशों में खारिज हो चुका है परन्तु अभी भी कई देशों में महिलाएँ इससे अभिशप्त हैं। हलाला पर रोक लगाने को लेकर आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मुरादाबाद की एक युवती का ससुर के साथ हलाला की घटना सामने आयी है। शिकायत पर पुलिस ने ससुर के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया। उसका पति हाई कोर्ट से स्टे ले आया। हलाला के दौरान युवती माँ बनी थी जिस पर शक करके पति ने गर्भपात कराने के लिए कहा। नहीं मानने पर उसे घर में कैद कर लिया जिसके खिलाफ युवती अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रही है। हलाला से ही सम्बन्धित सम्भल में एक अन्य प्रकरण में भी पीड़िता न्याय के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में है। आशा की जाती है कि सर्वोच्च न्यायालय महिलाओं के हक में फैसला देकर उन्हें हलाला के अभिशाप से मुक्त करेगा।

लोगों की आशा, आशादीप

हल्द्वानी के गोरापड़ाव में मानसिक रूप से कमजोर लोगों के आश्रय ‘आशादीप संस्थान’ की संस्थापक सिस्टर बैनेथ मानवता की मिशाल पेश कर रही हैं। उनके इस संस्थान में मानसिक रूप से दिव्यांग लावारिस लोगों को आश्रय मिलता है। आश्रय में ऐसे मरीज भी आते हैं जो अस्पताल में किसी के द्वारा भर्ती करा दिये जाते हैं परन्तु उन्हें लेने कोई नहीं आता है। इन मरीजों का सिस्टर बैनेथ ख्याल रखती हैं व संस्था की ओर से समय-समय पर एस.टी.एच., बेस व जीवनदान अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। यहाँ ऐसे मरीज भी आते हैं जिनके घावों से कीड़े निकलते हैं परन्तु सिस्टर बैनेथ उनके कीड़े निकालती हैं व उनका नियमित इलाज भी करती हैं। वे कहती हैं कि हम इनके सुख-दु:ख बाँटते हैं। इनके परिजन मुश्किल से मिलते हैं। अगर वे मिल गए तो इन्हें घर भेज देते हैं। न मिलने पर वे यहीं रह जाते हैं।

पाकिस्तान के चुनाव में महिलाएँ

पाकिस्तान में 2018 के चुनाव में कुल 272 सीटों के लिए विभिन्न दलों से 105 महिला उम्मीदवार थीं। तथा 70 महिला प्रत्याशी निर्दलीय थीं। पाकिस्तान के चुनाव अधिनियम 2017 के अनुसार सभी दलों के लिये महिलाओं को 5 प्रतिशत टिकट देना अनिवार्य कर दिया गया है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 10 प्रतिशत महिला वोटर होने चाहिए वरना चुनाव परिणाम वैध नहीं माना जायेगा। जिसका असर भी दिखाई दिया। इस बार 44.1 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया जबकि 2013 में सिर्फ 24 प्रतिशत महिलाओं ने वोट दिया था तथा 135 महिलाएँ चुनावी मैदान में थीं।
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महिलाओं की सुरक्षा के झूठे दावे

महिलाओं के प्रति बढ़ते आपराधिक मामलों के परिणामस्वरूप सरकार ने कई प्रकार के कानून व सुरक्षा के प्रावधान किए परन्तु महिला सुरक्षा के अपने दावे पर सरकार खरी नहीं उतर सकी। दिल्ली से एकत्र किए गए आँकड़ों से यह सिद्ध हुआ है कि दिल्ली पुलिस की कोशिशों के बाद भी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा का ग्राफ गिरा है। नये आँकड़ों से यह तथ्य सामने आया है कि दिल्ली में रोजाना औसतन 10 महिलाओं का अपहरण और 6 महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है। वर्ष 2017 की अपेक्षा इस वर्ष जून 15 तक महिलाओं के साथ आपराधिक मामले अधिक हुए हैं।

महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

रेल विभाग में होने वाली र्भितयों में अब महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा। रेल मंत्री पीयूष गोयन ने महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये यह घोषणा की है। रेलवे से सम्बद्ध आरपीएफ (रेल सुरक्षा बल) में 50 हजार नियुक्तियां होनी हैं, जिसमें (रेल यात्रा में) महिलाओं की सुरक्षा निश्चित करने के लिए भर्ती में महिलाओं को मौका दिया जायेगा।
(Hamari Duniya Uttara Mahila Patrika)
प्रस्तुति: पुष्पा गैड़ा

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