हमारी दुनिया

सेरोगेसीव्यवसाय नहीं

सेरोगेसी के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए महिला अधिकारों से जुड़े संगठन थिंक टैंक सेंटर फॉर सोशल रिसर्च ने सरकार से इस पर निगरानी रखने की बात कही है। हाल ही में शाहरूख खान ने भी सेरोगेसी से संतान पायी है। जबकि वे पहले से ही अभिभावक हैं। इस तरह सिर्फ शोहरत और चर्चा में बने रहने के लिए जो सेलिब्रिटी सेरोगेसी का सहारा लेते हैं उन पर निगरानी रखनी चाहिए। सेंटर फॉर सोशल रिसर्च के अनुसंधान विभाग की प्रमुख डॉ. मानसी मिश्रा का कहना है कि सेलिब्रेटी जो कि पहले से ही अभिभावक हैं उन्हें सेरोगेसी की जरूरत नहीं है जितना कि जरूरतमन्द दंपत्ति को। इसलिए सिर्फ शोहरत या चर्चा के लिए सेरोगेसी का सहारा लेने वाली हस्तियों पर सरकार को नजर रखनी चाहिए जिससे कि इसका व्यवसायीकरण न हो सके।
ऑल इण्डिया डेमोक्रेटिक वुमन एशोसिएशन का कहनाहै कि सेरोगेसी में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए भारतीय कानून में विशेष ध्यान नहीं दिया गया है इसलिए सेरोगेट बच्चों के अधिकारोंका ध्यान रखना भी सरकार का ही कार्य है।

जैविक पिता की सम्पत्ति में हक

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन और न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की लखनउ पीठ ने बलात्कार से जन्मी सन्तान के हक के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था देते हुए कहा है कि बलात्कार के कारण जन्मीं सन्तान को यदि कोई व्यक्ति या दम्पत्ति गोद नहीं लेता है तो उसे दुराचार के अभियुक्त की नाजायज सन्तान माना जायेगा और उसकी सम्पत्ति में उसका वारिसाना हक होगा। उत्तराधिकार के लिए ऐसी सन्तान को अदालत के किसी निर्देश की जरूरत नहीं होगी। वह सम्बन्धित पर्सनल लॉ के जरिए अपने जैविक पिता की सम्पत्ति में हिस्सा पाने की हकदार होगी।
अदालत ने यह आदेश 13 साल की बलात्कार पीड़ित लड़की के बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी को सौंपते हुए दिया है। याची का कहना है कि वह और उसका पिता नवजात बच्चे को अपने पास रखने के लिए तैयार नहीं हैं। अदालत ने पीड़िता को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा व पहले मिले तीन लाख रुपए के अलावा 10 लाख रुपए के अतिरिक्त मुआवजे के लिए राज्य सरकार को आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि रुपयों को किसी राष्ट्रीय कृतबैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किया जाय। पीड़िता जब 21 साल की जायेगी तब वह पूरी धनराशि की हकदार होगी। साथ ही राज्य सरकार पीड़िता की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे नौकरी भी देगी। अदालत ने नवजात बच्चे की अस्पताल में समुचित देखभाल के निर्देश दिए हैं। चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी न्याय मित्र की निगरानी में उसे गोद देने की प्रक्रिया पूरी करेगी।

विमेन ओन्डलोगो

महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को पहचान देने व महिला उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए वॉल मार्ट इण्डिया और गैर मुनाफा प्राप्त संगठन वीकनेक्ट इंटरनेशनल ने महिलाओं द्वारा संचालित कारोबार के लिए तीसरे वार्षिक थिंक बिग 2015 : विमेन इन बिजने सफोरम में विमेन ओन्ड लोगो जारी किया गया है। महिलाओं को कारोबार में आगे बढ़ाने के लिए यह लोगो जारी किया गया है जिसका इस्तेमाल वीकनेक्ट या डब्ल्यू.बीई.एन.सी द्वारा प्रमाणित व्यवसायों द्वारा किया जा सकेगा। वीकनेक्ट या डब्ल्यूबीईएनसी सर्टिफाइड सभी बिजनेस अपने उत्पादों की पैकेजिंग पर इस लोगो का इस्तेमाल तभी कर सकते हैं जब कारोबार में कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी परिचालन और नियन्त्रण महिला या महिला समूह के हाथ में होगा।
(Hamari Duniya)

रेलवे में महिला यात्रियों के लिए विशेष ऐप

रेल यात्रा के दौरान महिला यात्रियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर विशेष सुरक्षा मोबाइल एप की शुरूआत करने वाला है। इस एप के द्वारा पीड़ित महिला को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) से तत्काल मदद मिल सकेगी साथ ही पश्चिम सहित कुछ जोनल रेलवे में ट्रेनों में सीसीटीवी लगाये जायेंगें। यह विशेष एप आरपीएफ की मदद से तैयार किया जा रहा है साथ ही इस तकनीक के अपग्रेडेशन की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए आरपीएफ कर्मियों को इस तकनीक का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

हंसा मनराल को लाइफ टाइम अचीवमेंट

राष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स और भारोत्तोलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली पहली महिला खिलाड़ी व प्रशिक्षक हंसा मनराल को प्रदेश सरकार ने लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित करने की घोषणा की है। उन्हें यह पुरस्कार एक खिलाड़ी व प्रशिक्षक के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जा रहा है।

गुजारा भत्ता अनिवार्य

मद्रास हाईकोर्ट ने पति से अलग हो चुकी महिला की याचिका पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि यदि कोई महिला अपने पति से अलग रह रही है तो भी उसे गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है। वह शिक्षित हैऔर रोजगार कर सकती है, मात्र इस आधार पर उसे रोजगार भत्ता नहीं देना उचित नहीं है। जस्टिस एस विमला ने एक न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि अपना खर्च उठाने की योग्यता और अर्जित करने की क्षमता दोनों अलग-अलग विषय हैं। इसलिए गुजारा भत्ता देने से सिर्फ इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता कि पत्नी पहले अच्छा कमा रही थी।

चीन सीमा पर महिला आईटीबीपी कर्मी

अगले साल तक आईटीबीपी भारत-चीन सीमा से लगे ऊँचाई वाली जगहों पर बनीं चौकियों पर महिला कर्मियों को जंग की भूमिका के लिए तैनात करेगा। इसके लिए 500 महिला कॉस्टेबलों के विशेष दस्ते को ट्रेनिंग दी जा रही है। यह पहली बार होगा कि महिलाएँ भी सुरक्षा बल में शामिल होकर पुरुषों के साथ जंग में अपनी भूमिका निभायेंगी। इन सीमाओं पर महिला कर्मियों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं जिससे वे जल्द ही काम संभाल लेंगी।एक अन्य सराहनीय कदम के तहत 60 हजार जवानों वाली आईटीबीपी ने इसमें पहली बार महिला अधिकारियों को सहायक कमांडेंट (एसी) के एंट्री रैंक में भर्ती करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को अनुरोध भेजा है। आईटीबीपी के डायरेक्टर जनरल कृष्ण चौधरी ने कहा कि बल में पहले से शामिल महिलायें अच्छा काम कर रहीं हैं और हम अधिक से अधिक महिलाओं को अधिकारी रैंक पर भर्ती करना चाहते हैं जिससे वे हमारी बटालिनों का नेतृत्व कर सकें।

महिलायें भी बन सकेंगीं फाइटर पाइलट

रक्षामंत्रालय द्वारा महिलाओं को एयरफोर्स में फाइटर पाइलट के रूप में भर्ती करने की मंजूरी मिल गयी है जिससे अब सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन का रास्ता खुल गया है। महिला फाइटर पाइलट का पहला बैच एयर फोर्स अकादमी में चल रही ट्रेनिंग से चुना जाएगा जिससे सम्भवत: जून 2016 तक महिला लड़ाकू पाइलट तैयार हो जायेंगीं। एडवांस ट्रेनिंग के बाद 2017 तक पहले बैच को दुश्मनों पर हवाई हमले के लिए स्कवाड्रन में तैनात किया जायेगा। अभी तक 1992 से महिला पाइलट केवल माल वाहक विमान और हैलीकॉपट रही उड़ा रहीं थीं।
प्रस्तुति: पुष्पा गैड़ा
(Hamari Duniya)
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