हमारी दुनियाँ

केन्द्रीय पुलिस बल में महिलाएँ

सुरक्षा बलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए सरकार ने सेना में शीघ्र ही 11 हजार से अधिक महिलाओं की भर्ती करने का फैसला किया है। केन्द्रीय सुरक्षा बलों में होने वाली इस भर्ती में महिलाएँ सीमा की सुरक्षा से लेकर कानून और व्यवस्था तक के कार्यों में सहयोग देंगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र सीमा बल में 21 नई कंपनियों को मंजूरी दे दी है। जिसमें 2772 महिलाएँ शामिल होंगी। इस भर्ती के पूरा होने के बाद ऐसा अनुमान है कि केन्द्रीय बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम से कम पाँच फीसदी हो जाएगा।

उपहार में गहने नहीं टॉयलेट

महाराष्ट्र के अकोला में एक लड़की ने उपहार में अपने परिजनों से गहनों से ज्यादा टॉयलेट को बुनियादी जरूरत बताते हुए टॉयलेट की माँग की। शादी तय होने के बाद जब लड़की को पता चला कि उसके ससुराल में टॉयलेट नहीं है तो उसने सबसे पहले उपहार में ससुराल में टॉयलेट बनवाने की बात कही।

पहली दृष्टिहीन महिला आई.एफ.एस.

25 वर्षीय एन.एल. बेनो जेकीन देश की पहली पूर्ण दृष्टिहीन महिला आई.एफ.एस. अधिकारी बन गयी हैं। जेफीन तमिलनाडु की हैं और वर्तमान में पी.एच-डी. की छात्र होने के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पी.ओ. के रूप में कार्यरत हैं।

समझौता गैर कानूनी

महिलाओं के सम्मान को महत्वपूर्ण मानते हुये सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के आरोपी और पीड़ित पक्ष के बीच समझौता कानूनन स्वीकार योग्य नहीं है। इस तरह के मामलों में शादी का वायदा करने पर उदारतापूर्वक दृष्टिकोण अपनाना या मध्यस्थता के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। ऐसा करना महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। यह समाज के विरुद्ध एक ऐसा अपराध है जिससे जीवन न केवल दमघोटू हो जाता है बल्कि प्रतिष्ठा भी तहस-नहस हो जाती है। इसलिए इसे दोनों पक्षों को आपसी समझौते के जरिये निपटाने के लिए नहीं कहा जा सकता है। अदालत ने यह फैसला मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है जिसमें निचली अदालत ने बलात्कार के आरोपी को पाँच साल की सजा सुनायी थी मगर हाइकोर्ट ने उसकी सजा पाँच से एक साल कर दी क्योंकि आरोपी और पीड़ित पक्ष के बीच समझौता हुआ था।

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अविवाहित अभिभावक माँ

अविवाहित माँओं के लिए अब अपने बच्चे का अभिभावक होने के लिए पिता की सहमति नहीं लेनी पड़गी और यदि वह बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करती हैं तो सम्बन्धित अथॉरिटी को जन्म प्रमाण-पत्र देना जरूरी होगा।

झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल

द्रौपदी मुर्मु झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल बनीं हैं। उन्हें मणिपुर के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है। द्रौपदी इससे पहले दो बार भाजपा विधायक भी रह चुकी हैं व ओडिशा के नवीन पटनायक सरकार में मंत्री भी रहीं हैं।

पत्नी चरित्र प्रमाण-पत्र की हकदार

सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि यदि पति आपराधिक मुकदमे का अरोपी है तो इस आधार पर पत्नी को चरित्र प्रमाण पत्र देने से इंकार नहीं किया जा सकता है। पत्नी को पूरा अधिकार है कि उसे अच्छे चरित्र प्रमाण पत्र मिले। न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह फैसला यूपी स्थित बस्ती के जिला अधिकारी को एक महिला के उस आवेदन पर फिर से विचार करने को कहा है, जिसमें उसने अपना चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने की गुहार लगायी है।

गुरुकुल ऐसा भी

गुरुकुल नाम सुनकर अक्सर लोंगों के मन में एक गुरु और उसके शिष्यों की छवि ही सामने आती है। परन्तु इस गुरुकुल में लड़कियाँ हैं, जो जूडो जानती हैं, बॉक्सिंग करती हैं, अचूक निशाने बाज हैं, संगीत और नृत्य के साथ-साथ कम्प्यूटर में भी अव्वल हैं और इस गुरुकुल की गुरु भी हैं। छत्तीसगढ़ के राजघराने से ताल्लुक रखने वाली रश्मि आर्य किसी चीज की कमी न होने के बावजूद भी जब गरीब बच्चियों को देखती थी तो दु:खी हो जाती थीं। उनके लिए कुछ करने के लिए उन्होंने सन् 2000 में अपना घर छोड़ दिया और 2005 में परीक्षित गढ़ (मेरठ) के नारंगपुर में एक छोटे से कमरे में पाँच लड़कियों को पढ़ाने के साथ ही इस गुरुकुल की स्थापना की। उनके साथ मुस्लिम समाज की लड़की गुलशन शुरू से ही इस मिशन में काम कर रही है। गुलशन एम.बी.ए. के बाद एल.एल.बी. कर रही है और रोज बच्चों को पढ़ाने गुरुकुल आती है। आज गुरुकुल में बच्चों की संख्या बढ़कर 60 हो गयी है और 2007 में दो बीघा जमीन से शुरू गुरुकुल आज आठ बीघा में फैला है। गुरुकुल को पाँचवी कक्षा तक ही मान्यता है फिर भी यहाँ से जुड़ी हर लड़की की परास्नातक की पढ़ाई का जिम्मा दान के पैसों से बने श्री दयानन्द आचार्य कन्या गुरुकुल ही उठाता है।

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गोल्ड

25 जून से अमेरिका के वर्जीनिया में हुए दुनियाभर के पुलिसकर्मियों व फायरकर्मियों के बीच हुए खेलों के महामुकाबले में उत्तराखण्ड की कमला बिष्ट ने प्रतिभाग किया। 5 जुलाई तक चले फायर फैक्स वल्र्ड पुलिस एवं फायर गेम्स के लिए कमला का चयन भारतीय बॉक्सिंग टीम में हुआ। कमला ने 2003 में शौकिया तौर पर बॉक्सिंग शुरू की थी और 2004 और 2005 में ही राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कांस्य पदक जीतने से उनको बल मिला और 2006 में पुलिस में भर्ती हो गयी।

न्यूयॉर्क की पहली महिला जज

राजारजेश्वरी को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की पहली महिला जज के रूप में न्यूयॉर्क सिटी हॉल में मेयर बिलडीब्लास्यिो ने शपथ दिलाई। 43 वर्षीय राजेश्वरी चेन्नई में जन्मीं व 16 साल की उम्र में अमेरिका जाकर बस गयीं थीं। कानून विशेषज्ञ होने के साथ साथ भरत नाट्य व कुचिपुड़ी नृत्य में भी पारंगत हैं और अमेरिका में भारतीय कार्यक्रमों व मंदिरों में भी प्रस्तुतियाँ देतीं हैं। राजेश्वरी 16 साल तक रिचमण्ड कांउण्टी डिस्ट्रिक्ट अटार्नी कार्यालय में और अपराधिक न्यायालय नारकोटिक्स सुप्रीमकोर्ट और सेक्स क्राइम्स स्पेशल विंक्टिम्स सहित अन्य ब्यूरो में भी काम कर चुकीं हैं।

कैबिनेट में प्रीती

भारतीय मूल की प्रीती पटेल को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की सरकार में रोजगार मंत्री के अहम पद की जिम्मेदारी दी गयी है। ब्रिटेन में हाल ही में हुए आम चुनावों में एसेक्स की विथम सीट से उम्मीदवार रहीं प्रीति ने अपने प्रतिद्वंदी को बडे़ अन्तर से हराकर दूसरी बार चुनी गयीं हैं। 43 वर्षीय प्रीति कैमरन की पिछली सरकार में सहायक कोषागार मंत्री रह चुकी हैं।

20 साल की सांसद

ब्रिटेन के आम चुनावों में स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एस.एन.पी) की 20 वर्षीय म्हाइरी ब्लैक ने चुनाव जीतकर वहाँ पिछले 300 साल में चुनाव जीतने वाली पहली युवा महिला सांसद बनीं हैं। उन्होंने लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता 47 वर्षीय एलेक्जेंडर डगलस कोपैजली पर करीब छह हजार वोटों से मात दी।

समलैंगिक विवाह को मंजूरी

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में समलैंगिक विवाह को मंजूरी दे दी है। अमेरिका के 36  राज्यों में पहले ही इस विवाह को कानूनी मान्यता थी। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बाकी 14 राज्यों में भी समलैंगिक विवाह हो सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से समलैंगिक विवाह को लेकर दो दशक से चले आ रहे मुकदमे की समाप्ति के साथ ही समलैंगिक जोड़ों को पूरे देश में कहीं भी विवाद करने का अधिकार होगा। हालाँकि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा क्योंकि समलैंगिक विवाह का विरोध करने वालों को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का वक्त दिया गया है। हॉलांकि कुछ राज्यों के अधिकारी ऐसे जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र दे सकते हैं।

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